“जनतांत्रिक स्वतंत्रताओं का ग़लत इस्तेमाल करने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए”: मोदी का आतंकवाद पर स्पष्ट संदेश

“जनतांत्रिक स्वतंत्रताओं का ग़लत इस्तेमाल करने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए”: मोदी का आतंकवाद पर स्पष्ट संदेश

india uk trade deal

 

india uk trade deal: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यूके की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान UK–India Free Trade Agreement (FTA) की घोषणा के साथ ही एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। उन्होंने कहा: “Those who misuse democratic freedoms must be held accountable.” यानी— "जो लोग लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें जवाबदेह बनना चाहिए।" यह बयान खासकर आतंकवाद और चरमपंथ के संबंध में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि दोनो देश आंतरिक सुरक्षा एवं वैश्विक स्थिरता को लेकर रणनीतिक सहयोग बढ़ा रहे हैं। पीएम मोदी के इस बयान को यूनाइटेड राष्ट्रों में हो रहे आतंकवाद उन्मूलन प्रयासों के संदर्भ में समझा जा सकता है।

 

भारत–यूके मुक्त व्यापार समझौता: ऐतिहासिक अवसर

साथ ही, इस यात्रा में भारत और यूके ने एक बड़ा Free Trade Agreement (FTA) अंतिम रूप दिया, जो कई वर्षों की बातचीत के बाद 24 जुलाई 2025 को औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित हुआ।

इस समझौते के तहत:

  • 99% भारतीय निर्यात पर यूके में जीरो टैरीफ;
  • भारत में यूके निर्यात (लगभग 90%) पर धीरे-धीरे टैरीफ कटौती।
  • विशेष श्रेणियों जैसे विस्की, गाड़ियों, टेक्सटाइल, जेम्स, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि पर भारी छूट।
  • डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कॉन्वेंशन यूके में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी दायित्व से छूट।
  • इस समझौते से अनुमान है कि दोनों देशों के व्यापार में 2040 तक £25.5 बिलियन (लगभग $34 बिलियन) की वृद्धि संभव है।

 

लोकतंत्र की रक्षा और सुरक्षा साझेदारी

 

प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी आतंकवाद के मुकाबले लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा पर बल देने वाले बयान के रूप में सामने आई। उनका यह भी मानना था कि:

  • लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है।
  • ऐसे तत्वों को, जो खुली व्यवस्था का फायदा उठा आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होते हैं, न्याय व्यवस्था के दायरे में लाया जाना चाहिए।
  • मई-जून 2025 के दौरान, UK के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत की यात्रा की, जिसमें दोनों देशों ने आतंकवाद‑वित्तपोषण, कानून प्रवर्तन सहयोग, प्रवासी लड़ाकों की आवाजाही और डेटा साझा करने जैसे मुद्दों पर हस्ताक्षर किए।यह स्पष्ट संकेत है कि भारत-UK संबंध केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सुरक्षा साझेदारी का नया मोड़ ले चुके हैं।

 

क्यों है यह समझौता और बयान दोनों महत्वपूर्ण?

1. आर्थिक रणनीतिक गठबंधन

FTA दोनों देशों को नवाचार, MSMEs, रोजगार सृजन, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग और अन्य श्रम-सघन क्षेत्रों में वृद्धि के अवसर देगा। इसके साथ ही Double Contribution Pact भारतीय पेशेवरों को यूके में आकर्षण बढ़ाता है।

2. वैश्विक वैल्यू चैन में भारत की हिस्सेदारी

भारत अब यूरोपीय देश के साथ पहला व्यापक FTA कर रहा है, जिससे उसकी वैश्विक व्यापार क्षमता और निर्भरता कम होगी।

3. सुरक्षा‑आधारित साझेदारी मजबूत

PM Modi के बयान और UK के साथ हुए सुरक्षा संवाद इस ओर इशारा करते हैं कि व्यापार के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चिंताओं को जोड़कर आगे बढ़ा जा रहा है।